chatgpt water consumption chatgpt consume 7 lakh liters of water in one training know reason । ChatGPT को लगती है जमकर प्यास, सवालों का जवाब देने के लिए लग रहा है लाखों लीटर पानी


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Image Source : फाइल फोटो
आपके सवालों का जवाब देने के लिए चैटजीपीटी को पानी की जरूरत पड़ती है।

Chatgpt water consumption: जब से Open AI की तरफ से ChatGPT को लाया गया है तब से यह लगातार सुर्खियों में बना हुआ है। आए दिन चैटजीपीटी को लेकर नई नई बात सामने आती है। अब इस एआई टूल को लेकर एक ऐसी रोचक जानकारी मिली है जिसे जानकर आप भी हैरान हो जाएंगे। यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सास आर्लिंगटन और यूनिवर्सिटी ऑफ कोलाराडो रिवरसाइड के एक्सपर्ट्स ने इस बारे में रिसर्च किया है कि ChatGPT कितना पानी पीता है यानी उसे आपके सवालों का जवाब देने के लिए कितने पानी की जरूरत पड़ती है। रिपोर्ट के मुताबिक चैटजीपीटी का वॉटर फुटप्रिंट काफी विशाल है। 

ChatGPT एक ऐसा AI टूल है जिससे आप कुछ भी पूछते हैं तो वह तुरंत आपके सवालों का जवाब देता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि ChatGPT जब आपके सवालों का जवाब देता है तब उसे जमकर प्यास लगती है। यह एआई टूल पानी पी-पीकर आपके प्रश्नों का सवाल देता है। 

20 से 50 सवाल में ही लग जाती है प्यास

आप अंदाजा भी नहीं लगा सकते कि ChatGPT एक दिन में कितना पानी का इस्तेमाल करता है। रिसर्च में यह सामने आया है कि चैटबॉट को 20 से 50 सवालों के बाद पानी की जरूरत पड़ती है। सिर्फ ट्रेनिंग के दौरान इसे करीब 7 लाख लीटर पानी की जरूरत पड़ रही है। जैसे ही यूजर्स इससे 20 से 50 सवाल पूछते हैं तो इसे करीब 500ml पानी की जरूरत पड़ती है। 

आपको पानी की यह मात्रा कम लग सकती है लेकिन अंदाजा लगाइए कि दुनिया भर में एक ही समय में दुनिया भर में कितने लोग इसका इस्तेमाल कर रहे होंगे जिससे इसके सर्वर को लाखों लीटर पानी की जरूरत पड़े ताकि यह ठंडा रह सके। चैटजीपीटी जितना पानी इस्तेमाल करता है उसमें एक न्यूक्लियर रिएक्टर को ठंडा रखा जा सकता है। 

कितना पीता है पानी?

OpenAI ChatGPT का वॉटर फूटप्रिंट बहुत ही बड़ा है। बता दें कि इसका सर्वर जब 10-27 डिग्री सेल्सियस पर होता है तो काफी अच्छे से काम करता है। लेकिन जब इससे एक ही समय में लाखो लोग इस्तेमाल करते हैं तो मशीनों से निकलने वाली हीट से काफी गर्मी पड़ने लगती है जिससे तापमान कुछ ही सेकंड में काफी ऊपर पहुंच जाता है। तापमान को मेंटेन रखने के लिए सर्वर पर बड़े कूलिंग टॉवर लगाए जाते हैं। सर्वर द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले बिजली की प्रत्येक इकाई के लिए एक कूलिंग टॉवर को करीब लाखों लीटर पानी की जरूरत पड़ती है।

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